मध्य प्रदेश के दक्षिण में कोरकू जनजाति पाए जाते हैं जिनमें प्रमुख रूप से होशंगाबाद, जबलपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, हरदा, खंडवा, देवास, इत्यादि जिले में पाए जाते हैं।
उत्पत्ति 1. कोरकु शब्द का अर्थ है। लोगों का ऐसा समूह जो जंगलों में एक साथ समूह में निवास करते हैं उसे को को कहा जाता है तथा यह द्रविड जनजाति परिवार से माने जाते है |
निवास - कोरकू जनजाति के लोग जंगल मे निवास करते हैं। घने जंगलो के सुन्दर जगह पर उनके गॉव बसा होता हैं। और उनके द्वारा बनया गया घर बहुत ही सुन्दर होता हैं हालकि यह घर से मिट्ठी, बास,घास और लकड़ी का बना होता हैं फिर भी दिखने मे बहुत ही सुंदर होते है
रहन सहन - यह लोग सफेद दोती, कुर्ता पायजामा पहनते हैं और बच्चे चड्डी बनयान पहनते है महिलाएँ लुगडि या लिजा और ब्लाउज पहनते हैं। ----लीजा वाले बाई का फोटो
खान पान - खाने मे बाजरा, कुटकी, मक्का, ज्वार, गैहू जैसे मोटे अनाज खाना पसंद करते हैं। और इनका मुख्म सब्जी जेड मास, मछली को ज्यादा खाना पंसद करते हैं।