MrJazsohanisharma

कोरकू के बारे में जाने कोन है ये ?


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शब्द का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया गया है। कईबार इसका अर्थ किसी एक संस्था में प्रबन्ध करने वाले व्यक्तियों का समूह होता है। कभी प्रबन्ध का अर्थ संगठिटत करना, स्टाफ भर्ती करना, तालमेल तथा नियन्त्रण की प्रक्रिया है। इसे ज्ञान, विज्ञान और अनुशासन का रूप भी माना जाता है। कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं, जो इसे नेतागिरी और निर्णय करने की तकनीक मानते हैं या इसको तानमेल करने का साधन मानते हैं, कुछ दूसरे इसे आर्थिक स्त्रोत, उत्पादन का एक कारण या सत्ता की एक व्यवस्था मानते हैं। 
थीओ हेमैत ने अपनी पुस्तक में प्रबन्ध शब्द को तीन अलग-अलग अथर्ो के रूप में प्रयोग किया हैं। प्रबन्ध नाम के रूप में- जब इसे नाम के रूप में प्रयोग किया जाता है, तब इसका अर्थ वे सब व्यकि्
त होते हैं तब इसका अर्थ वे सब व्यक्ति होते है जो दूसरे लोगों से काम करवाने के साथ् जुड़े होते हैं। इस प्रकार से एक संगठन में सारे वे लोग जो अपने अधीन कर्मचारियों के काम का निरीक्षण करते हैं तथा व्यापारिक संस्था के मख्य अधिकारी मिलकर प्रबन्ध या व्यवस्था कहलाते हैंफ। उदाहरण के तौर पर, 

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